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Showing posts from May, 2019

Atthavis Buddha Paritran Path|अठ्ठाविस बुद्ध परित्राण पाठ

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        अठ्ठाविस बुद्ध परित्राण पाठ तण्डंह्करो महाविरो मेधंकरो महायशो सरणं करो लोकं हितो, दिपड् करो जुतिन्धरो कोण्ड ञ्ञो जनप्पमक्खो , मंड्गंलो परिस्सत्थो, सुमनो, धिरो रेवती रतिवठ्ठनो  शोभितो गुण सम्पन्नो, अनोमदस्सी जनुत्तमो पदमोलोके पज्जोतो, नारदा वर सारथी, पथुतरो सब्ब लोकय्यो, प्रियदर्शी  नरासमो अत्थदेस्सी कारुणीको धम्मदस्सी तमोनुदो सिद्धात्थो आसय्यो, लोकहिथो वरदसंवरो फुस्सोवरद सम्बुद्धो विपसी च अनुपमो शिखि सब्ब हितो, विस्सभू सूखदायकंं,सब्ब हितो सत्था वस्स भु सुख दायको||

Ratan sutta and it's Marathi meaning | रतन सुत्त व मराठी अर्थ

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                      रतन सुत्त यानीध भूतानी समागतानि| भूम्मानि वा यानी व अन्तलिखे|तथागतं देवननुस्सपूजितं|बुद्ध नमस्साय सुवत्थि होन्तु||१|| यानीध भूतानी समागतानि| भूम्मानि वा यानी व अन्तलिखे|तथागतं देवननुस्सपूजितं|धम्म नमस्साय सुवत्थि होन्तु||२|| यानीध भूतानी समागतानि| भूम्मानि वा यानी व अन्तलिखे|तथागतं देवननुस्सपूजितं|संघ नमस्साय सुवत्थि होन्तु||३|| यानीध भूतानी समागतानि| भूम्मानि वा यानी व अन्तलिखे|सब्बेवभूता सुमना भवन्तु अथोपि सक्कच सुणन्तु भासितं||४||तस्मा हि भूता निसामेथ सब्बे| मेत्तं करोथ मानुसिया पजाय|दिवा रत्तोच हरन्ति ये बलिं|तस्माहि ने रक्खथ अप्पमत्ता||५|| य किञ्चि वित्त इधं वा हूंर वा| सग्गेसु वा यं रतनं पणीतं | न नो समं अत्थि तथागतेन| इदम्पि बुद्धे रतनं पणीत|एतेन सच्चन सुवत्थि होतुं||६|| खयं विरांग अमतं पणीतं|यदज्झगा साक्यमुनी समाहितो न तेन समात्थि किंञ्चि| इदम्पि धम्मे रतनं पणीतं|एतेन सच्चेन सुवत्थि होतुं||७|| यं बुद्धसेट्ठो परिवण्मयि सुचिं|  समाधिमानन्तरिकञ्ञमाहू| समाधिना तेन सभो न विज्जति| इदम्पि धम्म...

Mahamangal Sutta and it's Marathi meaning|महामंङ्गल सुत्त व अर्थ

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               महामङ्गल सुत्त  एवं मे सुतं |एकं समयं भगवा सवात्थियं विहरित जेतवने अनाथ पिण्डिकस्स आरामे | अथ खो अञ्ञतरा देवता अभिक्कन्ताय रत्तिया अभिकन्तवण्णा केवलकप्पं जेतवनं ओभासेत्वा | येन भगवा तेनुपङकमि, उपसङकत्मित्तवा भगवंन्त अभिवादेत्वा एकमन्तं आठ्ठासि | एकमन्तं ठ्ठिता खोसा देवता भगवन्त गाथाय अज्झाभासि:-               बहू देवा मनुस्सा च, मग्ङलानि अचिन्तयुं |               आकङखमाना सोत्थानं,ब्रुंहि मग्डलमुत्तमं||१||               असवेनाच बालनं, पण्डितानञ्च सेवना|               पूजा चं पूजानियानं,एतं मग्ङलमुत्तमं||२||               पति रुप देसवासे च,पुब्बे च कतपुञ्ञता |               अत्सम्पापणिधि च,एतं मग्ङलमुत्तमं||३||               बाहुसच्च ञ सिपच्च विनञयो च सुसिक्खितो |   ...

Karaniymetta Sutta and it's Marathi meaning | करणीयमेत्त सुत्त व अर्थ

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               करणीयमेत्त सुत्त                              करणीयमत्थकुसलेन,                          यन्तं सन्तं पदं अभिसमेच्च|                             सक्को उजू च सूज च,                         सूवाचो चस्स मृदू अनातिमानी||१||                             सन्तुस्सको च सुभारो च,                        अप्प किच्चो च सलूहुकवुत्ति|                             सन्तिन्द्रियोच निपको च,                        अप्पगब्धो...

Parabhav sutta and it's Marathi meaning | पराभव सुत्त व मराठी अर्थ

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                    पराभव सुत्त   एवं मे सुतं | एकं समयं भगवा सवात्थियं विहरित जेतवने अनाथ पिण्डिकस्स आरामे | अथ खो अञ्ञतरा देवता अभिक्कन्ताय रत्तिया अभिकन्तवण्णा केवलकप्पं जेतवनं ओभासेत्वा | येन भगवा तेनुपङकमि, उपसङकत्मित्तवा भगवंन्त अभिवादेत्वा एकमन्तं आठ्ठासि | एकमन्तं ठ्ठिता खोसा देवता भगवन्त गाथाय अज्झाभासि |                    पराभवन्त पुरिसं मयं पुच्छाम गोतमं|                भगवन्तं पुट्ठमागम्म, किं पराभवतो मुखं||१||                    सुविज्जानो भवं होति, सुविजानो पराभवो|                धम्मकामो भवं होति, धम्मोदस्सो पराभवो||२||                    इति हेतं विजानाम, पठमो सो पराभवो|                 दुतियं भगवा ब्रुही, किं पराभवो मुखं||३|| ...

Murti pratishthpana gatha and it's Marathi meaning | मूर्ती प्रतिष्ठापना गाथा व मराठी अर्थ

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              मूर्ती प्रतिस्थापना इदं बुद्धं बिम्ब सब्बेहि देवं, मनुस्सेहि पुजेतुं| इसस्मि विहारे पतिठ्ठापेमी इदं मे पुञ्ञं | बोधिञ्ञाणं पटिलाभीय सवत्ततुं||१|| तीन वेळा म्हणावे                    मराठी इथे विहारत आम्ही भगवान बुद्धाच्या या मूर्तीची प्रतिस्थापना करित आहोत. विहारत येऊन श्रध्देने सर्व उपासक/उपासिकांनी पूजा करावी. या प्रतिस्थापनेमुळे आम्हाला कुशल कर्माचा व बोधी ज्ञानाचा लाभ व्हावा असा संकल्प करीत आहोत.

Aahar Pooja and it's Marathi meaning | आहार पुजा व अर्थ

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              आहार पुजा  सम्मासम्बुध्द ञाणो यो, तिलोके पच्चायारहो | स नाथो परिगणहातु , भोजनं मधुरं इमं ||१|| आदिवासेंतु नो भन्ते, भोजनं परकप्पितं  अनुम्प उपादाय , पट्टिगण्हातु मुत्तमं||२||               मराठी अर्थ  सम्यक, संबुध्द, भगवान बुध्दाची तिन्ही लोकी नाना प्रकारे पुजा केली जाते. मी सुध्दा या उत्तम व प्राणीत भेजनाने त्याची पुजा करतो. हे भगवान ! आमच्या या पुजेचा आपण स्विकार करावा||१|| भन्ते ! आम्ही पुढे ठेवलेल्या उत्तम भोजनाचा आपण कृपा करून स्वीकार करावा||२||

Mahamangal Gatha and it's Marathi meaning | महामंङ्गल अठ्ठगाथा व अर्थ

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महामङगल गाथा  महाकारुणीतको नाथो दिताय सब्बपाणिनं| पूरत्वा पारमी सब्बा पत्तोसम्बोधि-मुत्तमं| एतेन सच्चवज्जेन होतु ते जयमङ्गल||१|| जयन्तो बोधियो मूले सक्यानं नन्दिवड् ढनो| एवं तुय्हं जयो होतु जयस्सु जयमङ्गल||२|| सक्कत्वा बुद्धरतनं ओसधं उत्तमं वरं,  हितं देव मनुस्सानं बुद्धतेजेन सोत्थिना| नस्सन्तुपद्दवा सब्बे दुक्खा वूपसमेन्तु ते||३|| सक्कत्वा धम्मरतंनं ओसधं उत्तमं वरं,  परिमलाहुपसमनं धम्मतेजेन सोत्थिना| नस्सन्तु पद्दवा सब्बे भया वूपसमेन्तू ते||४|| सक्कत्वा संघरतंनं ओसधं उत्तमं वरं, आहुण्णेयं पाहुणेय्यं संघतेजेन सोत्थिना| नस्सन्तु पद्दवा सब्बे रोगा वूपसमेन्तु ते||५|| यं किञ्चि रतनं लोके विज्जतति विविधं पुथु, रतनं बुद्ध समं नत्थि. तस्मा सोत्थि भवन्तु ते||६|| यं किञ्चि रतनं लोके विज्जति विविधं पुथु, रतनं धम्म समं नत्थि तस्मा सोत्थि भवन्तु ते||७|| यं किञ्चि रतनं लोके विज्जति विविध पुथु, रतनं संघं समं नत्थि तस्मा सोत्थि भवन्तु ते||८|| नत्थि मे सरणं अञ्ञं बुद्धो मे सरणं वरं, एतेन सच्चवज्जेन होतु मे जयमंगलं||९|| नत्थि मे सरणं अ...

Narsinha Gatha and it's Marathi meaning | नरसिंह गाथा व अर्थ

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                 नरसिंह गाथा चक्कवरकिङत रत्तसुपादो, लक्खण मण्डित आयतपण्ही, चामर छत्त विभूसित पादो, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||१|| साक्यकुमार वरो सुकुमालो, लक्खणचिंत्तित पुण्यसरीरो, लोकहिताय गतो नरवीरो, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||२|| पुण्यसंसड निभुमुखवण्णो, देवनरनापियो नरनागो, मंत्तगाजिन्द विलासितगमि, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||३|| खांयि सम्भव अग्ग कुलीनो देव मनुस्स नमास्मित पादो, शील समाधि पतिठ्ठितचित्तो एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||४|| आयततुङग सुसंठीत नासो, गोपमुखो अभिनील सुनेतो| इद्रधनु अभिनील भमूको, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||५|| वठ्ठ सुमठ्ठ सुसंठीत गीवो, सिंहहुन मिगराज सरीरो, कच्चन सुच्छवि उत्कमवण्णो, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||६|| सिनिद्ध , सुगंम्भीर म ञ्ञसुधोसो, हिंगलब्धु सुरतसुजिव्हो विसती| वीसती सेतसुन्दतो, एस हि तू हे पिता नरसिंहो||७|| अ ञ्ञन वण्ण सुनील सुकेसो, कंच्चनपट्ट विसुद्ध ललाटो| ओसधी पण्डर सुद्धसुउण्णो, एस हि तूय्ह पिता नरसिंहो||८|| गच्छंती ...

Buddha Puja and it's Marathi meaning | बुद्ध पूजा व अर्थ

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                   बुद्ध पूजा               वण्ण - गन्ध - गुणोपेतं एतं कुसुमसन्तति|              पूजयामि मुनिन्दस्स , सिरिपादसरोरूहे||१||          पुजेमि बुद्धं कुसुमेन नेनं पु ञ्ञेन मेत्तेन लभामि मोक्खं|     पुप्फं मिलायति यथा इदं मे, कायो तथा याति विनास भावं||२||                     घनसारप्पदितेन  दि पेन तमधंसिना|               तिलोककदीपं सम्बुद्धं पूजयामि तमोनुदं||३||                    सुगन्धिकाय वदनं, अनन्त गुणगन्धिना|               सुगंधिनाहं गन्धेन , पूजयामि तथागतं||४||              बुद्धं धम्मं च संघं, सुगततनुभवा धातवो धातुगब्भे|         लंकाय जम्बुदीपे तिदसपुरव...

Jaymangal And It's Marathi meaning | जयमंङ्गल अठ्ठगाथा व मराठी अर्थ

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             जयमंङ्गल अठ्ठगाथा                      बाहुं सहस्सभिनिम्मित सावुधन्तुं,                     गिरीमेखलं उदित घोर-ससेन-मारं                     दानादि धम्मविधिना जितवा मुनिन्दो,                     तं तेजसा भवतु ते जयमंङलानि||१||                     मारातिरेक-मभियुज्झित सब्बरती,                     घोरम्पनाल वक मक्ख मंथद्ध, यक्ख|                     खन्ती सुदन्तविधिना जितवा मुनिन्दो,                     तं तेजसा भवतु ते जयमंङलानि||२||                     नागगिरि गजवरं अतिमत्तभूतं, ...

Kshama and Panchshil Yachana and it's Marathi meaning | क्षमा व पंचशील याचना आणि अर्थ

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              क्षमा याचना                          ओकाय वन्दामि भन्ते|           द्वारत्त येन कत्तं सब्बं अपराधं खमतु मे भन्ते||१||                    दुतियम्पि ओकास वन्दामि भन्ते|           द्वारत्त येन कत्तं सब्बं अपराधं खमतु मे भन्ते||२||                   ततियम्पि ओकास वन्दामि भन्ते|           द्वारत्त येन कत्तं सब्बं अपराधं खमतु मे भन्ते||३||              पंचशील याचना                          ओकास वन्दामि भन्ते|             तिसरणेन सद्धि पंचशील धम्मं याचामि|                 अनुग्गहं कत्वा सीलं देथ में भन्ते||१||      ...

Aadesh and it's Marathi meaning | आदेश व अर्थ

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               आदेश        चरथ भक्खवे चारिकं बहुजन हिताय हुजन सुखाय |         लोकनुकंम्पाय, अध्याय, हिताय, सुखाय, देवमनुस्सानं |       देसे थ भिक्खवे,धम्मं आदि कल्याण मज्झे कल्याणं                           परियोस कल्याण | सात्थं सव्यज्जनं केवल परिपुण्णं परिसुद्धं ब्रम्हचरियं पकासेथं |                नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासबुद्ध                           ( 3 वेळा म्हणावे)                 मराठी अर्थ  हे भिक्खूनो, बहुजनांच्या हितासाठी व सुखासाठी लोकांवर दया करण्याच्या उद्देशाने देव(सज्जन व्यक्ती) व मनुष्य यांच्या कल्याणाकरिता, हिताकरिता,  सुखाकरिता या धम्माचा प्रचार करा. भिक्खूनो, आरंभी कल्याणकारक, मध्य कल्याणकारक व शेवटी कल्याणकारक अशा या धम्माचा ब्रम्हचर्य ...

Punyanamodan and it's Marathi meaning(पुण्यनमोदन व अर्थ)

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                पुण्यनुमोदन                 दुक्प्पखत्ता च निदुक्खा भयप्पत्ता च निब्भया |           सोकप्पत्त च निस्सोको होन्तु सब्बेपि पाणिनो||१ ||                एतावता च अम्हेहि सम्भतं पुञ्ञ सम्पदं|           सब्बे देवानुमोदन्तु सब्ब सम्पति सिध्दिया ||२||                दानं ददन्तु सध्दाय सीलं रक्खन्तु सब्बदा |          भावना भिरता होन्तु गच्छन्तु देवतांगता ||३||                सब्बे बुध्दा बलपत्ता पच्चकानञ्च यं बलं |          अरहन्ताञ्च तेजेन, रक्खन्तु बन्धामि सब्बसो ||४||               आकासठ्ठा च भूम्मठा, देवा- नागा महिध्दिका |          पुञ्ञं तं अनुमोदित्वा, चिरं रक्खन्तु सासनं ||५||       ...

Pattidan and it's Marathi meaning | पत्तीदान व मराठी अर्थ

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                    पत्तीदान                इदंने ञातीनं होतु, सुखिता होन्तु ञातयो|          ञिवार म्हणजे उञमे उदकं वट्टयथा निन्न पवत्ति|               एकमेव इत्तो दिन्नं पेतानं उपकप्पति ||१||               यथा वारिवहा पूरा, परिपुरेन्ति सांगतं|          एकमेव इत्तो दिन्न पेतानं उपकप्पति ||२||               इच्छितं पत्थितं तुय्हं खिप्पमेव समिज्झतु |          सब्बे पुरेन्तु चित्तसंकप्प छन्दो पन्नरस्स यथा ||३||              आयुरारोग्य सम्पति, सग्गसम्पतिमेवच |         तंतोतंत निब्बाण सम्मति, इमाना ते समिज्झतु ||४||              अनिच्चा वत सङ्खारा उप्पादवय - धम्मिनो              उप्पज्जि...

Sankalpa and it's Marathi meaning | संकल्प व मराठी अर्थ

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                                           संकल्प                 इमायधम्मानुधम्म पटिपत्तिया बुध्दं पुजेमि |                इमाय धम्मानुधम्म पटिपत्तिया धम्मं पुजेमि |             इमाय धम्मानुधम्म पटिपत्तिया संघ पुजेमि ||१||               अध्दाय इमाय पटिपत्तिया जाति- जरा- मरण                        म्हा परिमुञ्चिस्सामि ||२||             इमिना पुञ्ञ कम्मेन, मा- मे बालं समागमो |            स्तन समागमो होतु याव निब्बान पत्तिया ||३||                 देवो वस्सतु कालेन, सस्स सम्पत्ति हेतुच |            फीतो भवतु लोकेच, राजा भवतु धम्मिको ||४||...

Dhamma Palan Gatha and it's marathi meaning | धम्मपालन गाथा व मराठी अर्थ

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             धम्म पालन गाथा           सब्ब पापस्स अकरणं कुसलस्स उपसंपदा |          सचितपरियोदपनं, एतं बुद्धान सासनं||१||           धम्मं चरे सुचरितं न तं दुच्चरितं चरे|       धम्मचारी सुखं संति अस्मिं लोके परम्हिचं||२||           न तावता धम्मधरो, यावता बहु भासति |       यो च अप्पम्पि सुत्वान, धम्मं कायेन पस्सति|       स वे धम्मधरो होति, तो धम्मं नप्पमज्जति||३||                         मराठी अर्थ कोणतेही पाप न करता,पुण्य संपादने, स्वाचित्तची शुद्धी करणे, हे बुद्धांचे सांगणे ||१|| चांगल्या प्रकारे धम्म आचारवा, वाईट प्रकारे नाही| या धम्माचे आचरण करणारा लोक-परलोकात सुखाने झोप घेतो ||२|| पुष्कळ बोलण्याने धम्मधर होत नसतो .जे धम्माचे प्रत्यक्ष कायेने अनुकरण करतात व जे धम्माची अवहेलना करीत नाही, तेच सर्व धम्मधर होतात.|३||

Sabba sukh gatha and it's Marathi meaning | सब्ब सुख गाथा व अर्थ

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                                  सब्ब सुख गाथा           सब्बे सत्ता सुखी होन्तू, सब्बे होन्तू चं खेमिनो|        सब्बे भद्रानि पस्सन्तु, माकञ्चि दुक्खमागमा||१||     यानिध भूतानि समागतानि भुम्मानिवायानिव अन्तलिखे सब्बेव भूता सुमान भवन्तू अथो पि सकच्च सुणन्तू भासितं||२||     तस्मा हि भुता निसामेथ सब्बे मेतं करोत मानूसिया पजाय|    दिवाच स्तोच हरन्ति ये बलितस्माहिने रक्खथ अप्पमत्ता||३||                               मराठी अर्थ सारे प्राणीमात्र सुखी होवोत, सर्वांचे कल्याण होवो, सर्वांना हिताचा मार्ग सापडो, कोणालाही दुःख न होवो. ||१|| भूतलावरील आणि अवकाशातील जेवढे प्राणीमात्र येथे उपस्थित आहेत, ते सर्व प्राणिमात्र समाधानी होवोत आणि हे सुभाषित लक्ष देऊन ऐकोत.||२|| म्हणून सर्व प्राणीमात्रांनो ऐका, मानवी प्रजेवर प्रेम करा, जे तुमच्या हित...

Aashirvad and it's Marathi meaning | आशिर्वाद व मराठी अर्थ

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                                                     आशिर्वाद                  इच्छितं पत्थितं तुय्हं खीप्पमेव समिज्झतु |              सब्बे पुरेन्तु चित्तसंकप्पा छन्दो पन्नरसो यथा||१||                 आयुआरोग्यं सम्पति सब्ब सम्पती मेवच|              ततो निब्बाण सम्पति इमिना ते समिज्झतु ||२||              सब्बीतियो विवज्जन्तु सब्बरोगो विनस्सतु |             मा ते भवत्वन्तरायो सुखी दीघायुको भवं ||३||             अभिवादनसीलिस्स निच्चं वुड्ढापचायिनो |            चत्तारो नम्रता वड्ढन्ति आयु वण्णो सुख बलं ||४||                भ...